भारतीय समाज और अंधबिस्वास (Bhartiya samaj aur andhvishwas in hindi)
अंधबिस्वास एक सामाजिक समस्या है या फिर यु कहे तो ये एक सामाजिक-मानसिक बीमारी है। दराचल भारतीय समाज और अंधबिस्वास का संपर्क नया नहीं है, इस देश में अंधबिस्वास तबसे चलते आ रहे है जबसे इंसानो ने अतिभौतिक शक्तिओ के ऊपर बिस्वास करना सुरु किआ है।
दराचल मानब सभ्यता के प्रारम्भ से ही अतिभौतिक शक्तिओ के ऊपर मानब बिस्वास करता आ रहा है। लकिन फर्क सिर्फ इतना है की कुछ समाज उन सारे बिस्वासो का त्याग करने में आज शक्षम हो गए है और कुछ समाज अब तक नहीं हो पाये है।
भारत जैसे देश में भी ऐसे बहुत सारे समाज तथा लोग है जो की आज तक पहले से पालते आ रहे उन सोचो को पाल रहे है। नाजाने आज तक इस देश का इन सभी सोचो के कारण कितना नुकसान हुआ है कोई अता-पता नहीं।
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दोस्तों आज हम बात करेंगे भारतीय समाज और अंधबिस्वास के बारे में। वो सारे कु -प्रथा जो इस देश देश की प्रगति को रोक रहे है तथा बदनाम भी कर रहे है।
जैसे की डायन हत्या ,मंदिर में बलि के नाम पर जीब -जन्तुओ की हत्या ,बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाने के वजाए तांत्रिक के पास जाना , भूत -प्रेत के ऊपर बिस्वास करना, भगवान रुस्त ना हो जाये इसके लिए किसी किसी समय पर अपने कार्य को टालना इत्यादि इत्यादि।
ये सिर्फ कुछ उदहरण ही है प्रकितार्थ इसकी सिमा समाज के बहुत ही भीतर तक छाया हुआ है।
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भारतीय समाज में अंधबिस्वास का प्रभाव क्यों ज्यादा है? (Bhartiya samaj me andhvishwas ka prabhav kyo jada hai?)
1.पहला कारण: - जो लोग इस विषय के ऊपर अध्ययन कर रहे है, उन लोगो के मन में ये सवाल शायद उठ रहा होगा की भारतीय समाज में अंधबिस्वास का प्रभाव क्यों इतना ज्यादा है? हमने भी इसके ऊपर कुछ अध्ययन किआ है, तो चलिए दोस्तों हमने इस अध्ययन में क्या पाया है थोड़ा जान लेते है -
भारत के प्रत्येक समाज की बात नहीं करूँगा। लकिन देखा गया है आधुनिकता के प्रभाव पड़ने के बाद भी कुछ समाजो के नौजवान लड़के-लड़किआ अयौक्तिक अन्धबिस्वासी आचरण करते है।
इसका कारण क्या है ? बात यह है की किसी सोच के लिए उस सोच का बीज व्यक्ति के दिमाग में पहले से ही होना जरूरी है। हमारे देश के ज्यादातर बच्चे ऐसे बाताबरण में बड़े होते है जहा उनके माता-पिता और परिवार जन अयौक्तिक सोचो के ही आदि है।
अपने माता-पिता और परिवार जनोको वैसा आचरण करता देख वे भी वैसा ही अयौक्तिक आचरण करना सीखते है। दो प्रजन्म के बिच इस तरीके का सम्बन्ध के दुवारा संस्कृतिक सोच एक से दूसरे प्रजन्म तक हस्तान्तर होते है और इसी कारण इस देश के बहुत सारे बच्चे वैसा ही अंधबिस्वासी आचरण करते है।
कुछ बच्चो को देखा जाता है की परीक्षा के समय वे पढ़ने लिखने से ज्यादा भगवान की पूजा करने में समय बिता देता है, उनके मनमे पढ़ने को लेकर कोई भी आतंरिक सोच नहीं होता; हालाकि वे ये भी सोच नहीं पाते की कर्म जैसा होता है फल भी वैसा ही होता है, भगवान को केबल पूजा करने से अच्छा फल प्राप्त नहीं होता।
भारतीय समाज में अंधबिस्वास का प्रभाव ज्यादा होने तथा कम ना होने ये पहला कारण है।
2. दूसरा कारण: - दूसरा सबसे बड़ा कारण है डर। ये प्रमाणित हो सुका है की भारत में उन जगहों पर अंधबिस्वास का प्रभाव ज्यादा है जहा शिक्षा का प्रभाव कम है।
शिक्षा की रौशनी ना पाने के कारण लोग हमेशा ही सोचते है की भूत-प्रेत, डायन या कोई अप्शक्ति उनका बुरा कर सकता है। वे इन अतिभौतिक शक्तिओ के ऊपर गंभीर बिस्वास करते है और हमेशा ही उनको संतुस्ट रखने के लिए पूजा-पात, तंत्र -मंत्र, बलि -बिधान का आश्रय लेते है।
ये लोग कभी भी बिज्ञान के ऊपर बिस्वास नहीं कर पाते। उनके मुताबित बिज्ञान भगवान का दुशमन है। इसीलिए बीमारी में डॉक्टर के पास नहीं जाते और फल प्राप्ति के लिए काम ना करके भगवान को ही पूजते रहते है। शिक्षा के पूर्ण बिस्तार का अभाव भारत में अंधबिस्वास के ज्यादा बिस्तार का अन्यतम कारण है।
3. तीसरा कारण: - दुनिआ में और कही भी इतना ज्यादा धर्म-सम्प्रदाय नहीं है जितना की भारतबर्ष में है। इस देश के ज्यादातर लोग हिन्दू धर्म के है और इस धर्म में 33 करोड़ देव -देविओ की पूजा की जाती है।
समस्या यही पर आती है क्योकि बहुत सारे आराध्य देव-देवी होने के कारण लोगो का धर्म बिस्वास भी अलग अलग है। और इन अलग अलग चरित्र के कारण प्रत्येक गोत्र में विभिन्न अंधबिस्वास भी समाये हुए है।
बहुत सारे गोत्र मतलब बहुत सारे मतादर्श और इन बहुत सारे मतादर्श के कारण बहुत सारे अंधबिस्वास। इतने सारे अन्ध्बिवासो को एक साथ लोगो के मन से निकलना भी आसान नहीं होता, चाहे वो सरकार के लिए ही क्यो ना हो।
4.चौथा कारण: - एक समाज में लोगो का मन उस समाज के संस्कृति के दुवारा ही परिचालित होते है। आधुनिकता के प्रभाव के कारण पृथ्वी के 60 प्रतिशत समाजो से अंधबिस्वास लगभग नाश हो सुका है।
लकिन भारत जैसे देशो में कुछ समाज अभीभी बाकि है जो बाकि सारे आधुनिक समाजो से संपर्कहीन है, ऐसे जगहों पर आधुनिकता का असर अबतक ठीक से नहीं पर पाया है।
अर्थात कोई भी सांस्कृतिक सम्मिलन आधुनिक संस्कृति के साथ नहीं हुआ है। ऐसे पिछड़े हुए समाजो में यौक्तिक सोच का अभाव होना दराचल कोई आचर्यजनक बात भी नहीं है। भारतीय समाज में अंधबिस्वास का प्रभाव ज्यादा होने का ये भी एक तात्पर्यपूर्ण कारण है।
भारतीय समाज से अंधबिस्वास कैसे मिटाया जाये ?(Bhartiya samaj se andhvishwas kaise mitaya jaye?)
1 . आधुनिक शिक्षा का द्रुत बिकाश करना पड़ेगा।
especially- उन जगहों पर जो communication के दिशा से बहुत ही पीछे परे हुए है।
2 . अंधबिस्वास के खिलाफ कानून व्यबस्था शक्तिशाली करना जरूरी है। इन सोचो का आश्रय लेकर जो लोग अपराध करते है उनको कड़ी से कड़ी दंड देना जरूरी होगा।
3 . social media ,traditional media -इनके जरिए भी अंधबिस्वास के विरुद्ध प्रचार चलाना होगा।
निष्कर्ष
आज इस लेख के जरिए हमने भारतीय समाज और अंधबिस्वास के ऊपर अध्ययन किआ। अगर आपको हमारा ये लेख अच्छा लगा तथा हामारे लिए आपका कोई सुझाव हो तो निच्चे टिप्पणी के जरिए हमे जरूर ज्ञात कीजिएगा।
Reference: - कामाख्या मंदिर का रहस्य
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